मैं रावण हूँ ।।

हाँ, 
मैं रावण हूँ  
मैं लंकेश
मैं दशानन
चाहे जो कह लो
आज फिर तुम
मुझे जलाओगे
पल भर की खुशियाँ
घर आंगन में मनाओगे
मगर क्या तुम्हारे ऐसा करने से
मैं मर जाता हूँ शायद नहीं 
क्योंकि ऐसा कोई मानव नहीं 
जिसमें मैं मौजूद नहीं
मैं तुम सब में विराजमान हूँ 
मैं अमर हूँ मैं महान हूँ
अगर मेरी मृत्यु संभव होती तो
तुम्हारे श्री राम के हाथों हीं 
मैं मुक्ति पा जाता मगर
ऐसा नहीं हो सका
मैं तो जिंदा रहा तुम सब में
मगर तुम सब में कोई राम न हो सका
और हो भी कैसे कोई सीता भी तो नहीं हुई
जिसके लिए कोई राम पुनः जन्म ले
हाँ मैं जरूर हर बार मरा 
हर बार नया जन्म लेता रहा
कभी गरीबी के रूप में,
कभी अत्याचार के रूप में
कभी भुखमरी के रुप में
कभी भ्रष्टाचार के रूप में
तुम हर बार मुझे जलाते हो
कभी असत्य पर सत्य की विजय के नाम पर
कभी बुराई पर अच्छाई की जीत के नाम पर
और समझते हो कि बुराई का अंत हो गया 
लेकिन यह तो तुम्हारा भ्रम मात्र है 
तुम समझते हो तुमने मुझे जला डाला
मगर नहीं मैं रावण तो जिंदा रहता हूँ
तुम सब में,तुम्हारे आस पास
पहले तो मेरे सिर्फ दस हीं सिर थें
मगर अब तो अनगिनत हैं
तुम सब एक दूसरे में झांक कर देखो.
इक दूजे में मुझको ढूँढ कर देखो
मैं तुम सब को तुम सब में ही मिल जाऊँगा
क्योंकि थोड़ा थोड़ा रावण सब में होता है
मैं झूठ में,मैं बुराई में,मैं दोष में 
मैं अधर्म में,मैं लालच में,मैं क्लेश में
मैं आज भी जिंदा हूँ
हाँ मैं रावण मैं लंकेश
मैं दशानन,चाहे जो कह लो
मैं आज भी जिंदा हूँ
मैं आज भी जिंदा हूँ
हाँ अगर सच में मुझे मारना है तो पहले
खुद में बसे मेरे अनगिनत रूप को मारो
मैं खुद व खुद मर जाऊँगा
खत्म करना है तो 
मन में छिपे रावण को खत्म करो
तन रूपी रावण स्वयं खत्म हो जायेगा
और सच कहूँ तो अनंत काल से
मैं स्वयं मोक्ष की तलाश में हूँ
और हर पल यही सोचता हूँ 
मैं जिंदा हूँ तो क्यों जिंदा हूँ 
मैं जिंदा हूँ तो क्यों जिंदा हूँ 
हर क्षण बस यही चाहता हूँ 
किसी तरह अंत मेरा हो जाये
जला डालो तुम पुर्णत: मुझे
और मोक्ष मुझे मिल जाय
मगर ऐसा तभी संभव है जब
स्वच्छ मन से तुम आगे आओ
मुझको जलाने से पहले
तुम राम बन जाओ
तुम राम बन जाओ



300+ (Victory created history)







You don't afraid of the dark
You are trying your best again
You found a new goal to reach
You don't want to give it up not yet...

You have created history, 
in the entire democracy and country.
Yes, you are one and only who won trust throughout the whole country.
Yes! Yes! Yes! You deserve this victory.
 You deserve 300+ where victory created history...

You will go forward with each step
No matter how small they are
You are the winner this time
Yes! Yes! Yes! You deserve this victory
You deserve 300+ where victory created history..

So much love, so many blessings raining like a rain
I trust you, we all trust you because you are proud of the nation.
Yes! Yes! Yes! You deserve this victory
You deserve 300+ where victory created history...

                                                                                         
                                                                                         - Aashish (@new_poet_on_earth)

RAAJNEETI - Transform into a new era...



चलो, कदम मिलाकर चलने की बात करते हैं |
आओ, हम सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं |

देखो नए युग  का बदलता हिंदुस्तान है|
गर्व से कहो ये हमारा हिंदुस्तान है ||

हाँ, ये बात अलग है के आज भी ज़ात -पात
धर्म -मज़हब बन गया नीति है |
इस शहर, इस राज्य और इस देश की यही राजनीति है ||

हर तरफ राजनीति का बाजार सजा है |
तू-तू, मै -मै, मे हार-जीत का भाव लगा है ||
लेकिन चलो कदम मिलाकर चलने की बात करते हैं
हम सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं ||

हवाओं में फैला गेरूवा रंग है
जीत सत्ता का पक्का दावा है
खड़े तो कतार में कितने हैं
लेकिन भ्रस्टाचार के खिलाफ आज एक पक्का है

प्रजातंत्र का वह जन असली गीत है
सदा रोकता रहता जो शासन
जन सत्ता वह गाली जो विद्रोही के मुख से झरती है
ये आज की नीति है, ये आज की राजनीति है

चलो कदम मिलाकर चलने की बात करते हैं
आओ, हम सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं

                                                                                   -आशीष (न्यू -पोएट -ऑन- अर्थ )



ZIDD HAI...





ये ज़िद्द है मेरी हवाओं में उड़ना चाहू
हाँ... ज़िद्द है मेरी घटाओं की तरह गरजना चाहू

ये ज़िद्द है मेरी मंज़िलो के लिए भटकना चाहू
हाँ...ज़िद्द है मेरी घर से बिना पते का निकलना चाहू

ये ज़िद्द है मेरी मुश्किलों से लड़ना चाहू
हाँ...ज़िद्द है मेरी गर्दिश हालात में भी मुस्कुराना चाहू

ये ज़िद्द है मेरी तुझे एक बार भूलना चाहू
हाँ... ज़िद्द है मेरी तुझे हर बार याद करना चाहू

ये ज़िद्द है मेरी तुझको न पाना चाहू
हाँ... ज़िद्द है मेरी तुझको न खोना चाहू

ये ज़िद्द है मेरी तुझमे ही रंगना चाहू
हाँ... ज़िद्द है मेरी तुझमे ही मिलना चाहू

ये ज़िद्द है अब तो ज़िद्दी होना चाहू।।।


                                                                        -आशीष (@न्यू _पोएट_ऑन _अर्थ)